आपके रग रग में बसा ये ' नशा ' आपके नास का कारण बन सकता है
भोपाल।
किसी कार्य या आदत को रोक ना पाने की असर्मथता को नशा कहा जाता है। सहज शब्दों में नशा एक ऐसी आदत है जो व्यक्ति के नस नस में घुसकर उसको गुलाम बना देती है।
नशा कई प्रकार का हो सकता है जैसे मदपान, धूम्रपान, सेक्स,इंटरनेट का अधिक इस्तेमाल आदि। इसकी परिधि किसी धनाड्य व्यापारी या उसके हेरोइन व ड्रग्स लेने वाले बेटे से लेकर एक गरीब मजदूर या उसके व्हाइटनर व पेट्रोल की गंध सूंघने वाले बेटे तक हो सकती है ।
इसका प्रभाव
नशा शारीरिक व मानसिक दोनो ही दृष्टि से अति हानिकारक है। शरीरिक दृष्टि में यह लिवर से लेकर प्रतिरक्षा तंत्र भी नष्ट भी कर सकता है। मानसिक दृष्टि से यह व्यक्ति की किसी कार्य को करने की इच्छा शक्ति को शून्य तक ला देता है। उसका नशे के अलावा कोई और कार्य करने में मन नही लगता।
उपाय
विज्ञान के मुताबिक़ , सल्फर एक ऐसा तत्व है जिसकी कमी से व्यक्ति को नशा करने की अभिलाषा होती है। अगर व्यक्ति अपने शरीर में सल्फर की मात्रा बढ़ा देता है तो इससे उसको उसकी बुरी आदतों से लड़ने की इच्छाशक्ति बढ़ जाती है ।और ये आपके रसोई में काफी सरलता से सोंठ के रूप में पाया जाता है।
किसी प्रामाणिक चिकित्सक से परामर्श लेकर आप नियमित रूप से सोंठ का सेवन कर सकते हैं और हमेशा के लिए नशे की आदत से छुटकारा पा सकते हैं।
Wah Bhai
ReplyDeleteधन्यवाद
ReplyDeleteबहोत बढ़िया। ऐसे ही लिखते रहिये ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिखा आपने लवकेश जी ।
ReplyDeleteWow keep it up 👍
ReplyDeleteYe q likh raha hai Bhai
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