प्रयागराज।
लवकेश प्रताप।
संगम की भूमि में स्थित यह विश्वविद्यालय भारत के प्राचीनतम आधुनिक विश्वविद्यालयों में गिना जाता है । जी हाँ हम इलाहाबाद विश्वविद्यालय की बात कर रहे हैं। इस विश्वविद्यालय की स्थापना 23 सितम्बर 1887 में उतर प्रदेश के इलाहबाद में हुई। इलाहबाद , प्रयागराज जिले का पूर्व नाम है। इतिहास की माने तो इसे पहले मोइर यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता था। इसका नाम सर विलियम मोइर के नाम पे पड़ा। मोइर तब , उत्तर पश्चिमी प्रान्त के लेफ्टिनेंट जनरल हुआ करते थे। मोइर ने 1876 में ही यह यूनिवर्सिटी बनाने की सलाह दे दी थी पर इस स्थापित होने में ग्यारह साल लग गए। भारत सरकार ने भी इस यूनिवर्सिटी को 2005 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दे दर्जा दिया।
2. आभार - रिशु श्रीवास्तव |
पूर्व का हॉवर्ड कहे जाने वाले इस यूनिवर्सिटी ने भारत को कई प्रभावशाली नेता दिए हैं । इसने देश को 7 मुख्यमंत्री - मदन लाल खुराना (दिल्ली ), विजय बहुगुणा(उत्तराखंड), हेमवती नंदन बहुगुणा(उत्तर प्रदेश) , नारायण दत्त तिवारी (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ) , गोविन्द वल्लभ पंत(उत्तर प्रदेश ) , अर्जुन सिंह (मध्य प्रदेश ), सत्येंद्र नारायण सिन्हा (बिहार) , 3 भारतीय प्रधानमंत्री- चंद्र शेखर ,गुलज़ारीलाल नंदा , वि पी सिंह, 1 विदेशी प्रधानमंत्री - सूर्य बहादुर थापा (नेपाल ) , एक राष्ट्रपति - ज़कीर हुसैन और कई बड़े अधिकारी दिए।
3.दिवाली के समय इलाहबाद यूनिवर्सिटी |
इसके साथ-साथ यह विश्वविद्यालय अपने छात्र संघ चुनावों को लेकर भी काफी चर्चा में रहता है । हाल में ही यहाँ छात्र संघ की जगह छात्र परिषद् ने ले ली है। मतलब छात्र कक्षा प्रतिनिधि का चुनाव करेंगे और और ये वर्ग प्रतिनिधि विद्यार्थी , परिषद् के पदाधिकारियों के लिए मतदान करेंगे।
0 Response to "भारत के इस यूनिवर्सिटी से पढ़ चुके हैं 7 मुख्यमंत्री, 3 भारतीय प्रधानमंत्री , 1 विदेशी प्रधानमंत्री , 1 राष्ट्रपति और कई दिग्गज !"
Post a Comment