वेंकट भवन : उपर भव्य हाॅल, नीचे सुरंगों का जाल

वेंकट भवन : उपर भव्य हाॅल, नीचे सुरंगों का जाल

वेंकट भवन : उपर भव्य हाॅल, नीचे सुरंगों का जाल

रीवा की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में से एक है वेंकट भवन

(क) वेंकट भवन 

रीवा।
रीवा यानी  प्राचीन रीवा रियासत जिसकी गिनती भारत की प्रमुख रियासतों में की जाती है। पूर्व काल में यहाँ के राजाओं द्वारा कई प्रसिद्ध इमारतों का निर्माण कराया गया।  वेंकट भवन भी इन्ही इमारतों में से एक है, जिसका निर्माण महाराजा वेंकट रमण सिंह ने सन् 1908 में करवाया था। उन्हीं के नाम पर इस इमारत का नाम " वेंकट भवन"  पड़ा।

 
                     (ख) प्रथम तल से वेंकट भवन

रीवा शहर के बीचो- बीच स्थित यह भवन, चारो ओर छ्तरियों से घिरा हुआ हाॅल तथा शाही सुरंग के लिए प्रसिद्ध है।

कहा जाता है कि भवन के उपरी मंजिल में स्थित यह गोलाकार हाॅल शाही सम्मेलनों तथा राजकीय कार्यक्रमों के लिए बनाया गया था। इस हाल के चारो दिशाओं मे चार कक्ष हैं।
           
                       (ग) हाॅल की उपरी संरचना
रीवा के महाराजा पुष्पराज सिंह का कहना है "इसकी दीवारो मे मिनकरी की गयी है", जो इसको और भी भव्य बना देती है।

वहीं  महल के निचले भाग मे सुरंग बनाई गयी थी। बताया जाता है की इसे आक्रमणकारियों के डर से बनाया गया था। अमूमन प्राचीन सुरंगे संकरी हुआ करती थी, पर इसकी खास बात यह है कि यह 12 फीट ऊँची तथा उतनी ही चौड़ी भी है। यह सुरंग आगे चल कर दो दिशाओं में बट जाती है। जिसमें एक दिशा बावड़ी की ओर जाती है, जहाँ एक गोलाकार स्नानागार हुआ करता था। वहीं दूसरी दिशा अमरा कोठी की तरफ जाती है, जो आज प्रशासनिक इमारत में तब्दील हो चुकी है। 

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